Sunday 26 April 2015

सहयोग (Cooperation)

सहयोग (Cooperation)

अर्थ- इंसान की क्षमताएँ व संसाधन सीमित होते हैं अतः सहयोग की ज़रूरत होती है. मिल जुल कर एक ही लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्य करना सहयोग कहलाता है. सहयोग करने वाले एक दूसरे को फायदा पहुंचाते हैं. एक दूसरे के विरोध में या एक दूसरे की प्रतियोगिता में काम न करके एक दूसरे को आगे बढ़ाने के लिए काम करते हैं. अलग अलग न चल कर एक टीम की तरह चलना. सहकारिता, सहभागिता, संयुक्त कार्य,  सामूहिक कार्य, टीम कार्य, साझेदारी इसी से सम्बन्धित शब्द हैं.

किस प्रकार का सहयोग?
·         श्रम का सहयोग
·         वाणी द्वारा ज्ञान व मार्गदर्शन का सहयोग
·         धन का सहयोग
·         किसी को समय देने का सहयोग
·         संकल्पों या विचारों द्वारा वायुमंडल परिवर्तन का सहयोग.
·         हर्षित चेहरे का सहयोग
·         चाल चलन द्वारा गुण दान का सहयोग.
·         उमंग उत्साह बढ़ने का सहयोग.
·         अपने विशिष्टता, कला व कुशलता  का सहयोग.

फायदे
·         कम समय में कार्य पूरा होता है.
·         श्रम, धन आदि की कमी से कार्य रुकता नहीं.
·         जिसमे जो गुण, विशेषता या श्रेष्ठता है वह काम आती है.
·         लोग एक दूसरे के पूरक बनते हैं. 
·         सहयोग से मुश्किल व असम्भव दिखने वाले कार्य भी आसान व सम्भव हो जाते हैं.
·         सहयोग से ही महान कार्य संपन्न होते हैं.  
·         संस्थाएं व संगठन सहयोग से ही चल पाते हैं.
·         विकास, उन्नति या प्रगति सहयोग से ही प्राप्त होती है.
·         अकेले काम करना नीरस हो सकता है किन्तु मिल कर करने से वह रोचक हो जाता है.
·         सहयोग से अक्षम आत्मा को मदद मिलती है बच्चे, बूढ़े, बीमार या अपंग.
·         दूसरों को आगे बढ़ाने से स्वयं भी आगे बढ़ते हैं.

कौन बनता है सहयोगी?

शुभचिंतक, सर्व के कल्याण की भावना वाला, रहमदिल, सहनशील, यज्ञ स्नेही, शिव स्नेही, सर्व स्नेही, स्वार्थ रहित व्यक्ति ही सहयोगी बनता है. 

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