English version follows the Hindi one.
कहा जाता है अति किसी भी चीज़ की अच्छी नहीं होती. अति हो जाए तो गुण भी दुर्गुण प्रतीत होते हैं. जीवन में हर जगह संतुलन बना कर चलना पड़ता है. दीवार पर लगे किसी चार्ट से ली गई गुण - दुर्गुण की सूची प्रस्तुत है.
कहा जाता है अति किसी भी चीज़ की अच्छी नहीं होती. अति हो जाए तो गुण भी दुर्गुण प्रतीत होते हैं. जीवन में हर जगह संतुलन बना कर चलना पड़ता है. दीवार पर लगे किसी चार्ट से ली गई गुण - दुर्गुण की सूची प्रस्तुत है.
समालोचक हों, निंदक
नहीं
निर्लिप्त हों, उदासीन नहीं
नम्र हों, चापलूस नहीं
वीतराग हों, अकर्मण्य नहीं
क्षमाशील हों, कायर नहीं
खरे हों, खारे नहीं
स्पष्ट हों, उद्दंड नहीं
चतुर हों, कुटिल नहीं
मितव्ययी हों, कंजूस /
सूम नहीं
गम्भीर हों, मनहूस
नहीं
भले हों, दुर्बल
नहीं
प्रेमी हों, पागल नहीं
न्यायी हों, निर्दय नहीं
उत्साही हों, जल्दबाज़
नहीं
धीर हों, सुस्त
नहीं
सावधान हों, वहमी नहीं
सरल हों, मूर्ख
नहीं
दृढ़ हों, हठी नहींA virtue in excess may become a vice. We should maintain balance of every behavioural aspect.
1.
Be CRITIC, Not CYNIC
2.
Be DETACHED, Not APATHETIC
3.
Be POLITE, Not OBSEQUIOUS
4.
Be FORGIVING, Not COWARD
5.
Be INGENUOUS, Not
BITTER
6.
Be STRAIGHTFORWARD, Not DISRESPECTFUL
7.
Be CLEVER, Not UNTRUSTWORTHY
8.
Be THRIFTY, Not MISER
9.
Be SERIOUS, SOBER, Not INAUSPICIOUS
10.
Be VIRTUOUS, Not WEAK
11.
Be JUST, Not MERCILESS
12.
Be ENTHUSIASTIC, Not RECKLING
13.
Be PATIENT, Not
SLUGGISH
14.
Be CAUTIOUS, Not CROTCHETY
15.
Be SIMPLE, Not FOOLISH
16.
Be FIRM, Not STUBBORN
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