Wednesday 24 June 2015

श्रेष्ठ दान Donation, Charity, Giving


  • दान करने की आदत विकसित करने से हम अपनी लोभ और संग्रह वृति को कम कर पाते हैं. As a result of donating our feelings of greed and collection reduce. 
  • दान करने से त्याग, संतोष , सामर्थ्य और भरपूरता के भाव पैदा होते हैं. Feelings of prosperity emerge. 
  • दान किया अर्थात उसे अपना नहीं ईश्वर का माना.
  • अपनी उदारता और त्याग भावना हमें अपने प्रति सम्मान से भरती है. Our self respect increases.
  • हमें देख अन्य  लोग व अगली पीढ़ी  भी दान करने को प्रेरित होते  है. The next generations are inspired by us.
  • दान करने के समय ईश्वर का धन्यवाद करें कि आपको उसने इतना दिया कि किसी के साथ बाँट सकें. thank God that He has given you opportunity to donate and he has enabled you to donate.
  • दान देने के बाद उसे याद न रखें अन्यथा या तो त्याग ही हुआ नहीं या फिर अहंकार हो गया. Forget after donating otherwise pride will emerge.
  • दान देकर वापस लेने का न सोचें. एक बार दिया तो दूसरे का हुआ. Never take back the donated thing. 
  • अगर सुख पाने हेतु पुण्य संचित करना है तो दान देकर अन्य लोगों के सामने उसे बातें या गाएं नहीं. आपकी प्रशंसा हुई मन दान का फल मिल गया बस और कुछ नहीं.Never publicize yourself  as a donor. 
  • प्याऊ बनवाया, कमरा बनवाया, धर्मशाला बनवाई, स्कूल या अस्पताल बनवाया और उस पर अपना नाम लिखवा दिया तो आपके नाम का गायन होता रहेगा. यही गायन ही फल होगा और कोई पुण्य संचित नहीं होगा. Never get your name written on the things donated by you. 
  • अतः गुप्त दान ही  सर्वश्रेष्ठ दान होता है. Secret charity is the best. 

धन दान से भी श्रेष्ठ हैं ज्ञान दान, गुण दान, स्नेह दान, सुख दान, शांति दान, दया दान, क्षमा दान और ख़ुशी दान. 
Giving or donating knowledge, affection, virtues, happiness, peace, kindness and forgiveness is better than donating money. 

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