Saturday 9 May 2015

शुभ भावना / Auspicious feelings, Good wishes


शुभ भावना अर्थात ऐसे विचार जिनका उचित परिणाम हो जैसे हित या कल्याण की भावना , सलामती या कुशलता की भावना, अच्छी सेहत की भावना, सुगति या सद्गति की भावना और दुआओं भरी भावना. इसी प्रकार किसी को सुख, आनंद, ख़ुशी, स्नेह, सौभाग्य, ज्ञान, सहयोग, आदि का अनुभव करवाने की भावना शुभ भावना कहलाती है.

शुभ भावना किस के प्रति?

पूरे विश्व के प्रति अर्थात प्राणी जगत, वनस्पति जगत, प्रकृति के पाँचों तत्वों और स्वयम के प्रति.



फायदे / प्राप्ति
  • शुभ भावना से ही शुभ कामना करना / देना संभव है. शुभ भावना होगी तो जिसको जो चाहिए उसे वैसी वायब्रेशन भेज पाएंगे. शुभ भावनाएं दूसरों के लिए सहारा होती हैं.
  • शुभ भावना से कर्म श्रेष्ठ बनेंगे. नैतिकता सम्बन्धी निर्णय सही कर पाएंगे.
  • शुभ भावना ही मन, वचन और कर्म तीनों प्रकार की सेवा का आधार है. इसी के द्वारा विश्व के  वातावरण परिवर्तन में योगदान भी दें पाएंगे.
  • सर्व के प्रति शुभ भावना रखने से संगठन में मजबूती आती है. मिलजुल कर रहना आसान होता है.
  • किसी को स्थूल रूप में कुछ न भी दे पाएं तो शुभ भावना तो सदा हमारे पास होती है. इसमें तो हमारा कुछ खर्च भी नहीं होता. कहते हैं शुभ भावना का अखंड भंडारा चलाते रहो तो अखंड महादानी बनेंगे.
  • शुभ भावना रखकर किसी की कमी कमजोरी भी बताएँगे तो उसे वह वह निंदा नहीं लगेगी और वह  आहत नहीं होगा.
  • शुभ भावना से ही शुभ संकल्प, शुभ बोल और शुभ कर्म बनेंगे. 

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