उदार व्यक्ति हैसियत और
उम्मीद से ज्यादा आर्थिक मदद देते हैं. ये दान अपनी इच्छा से करते हैं किसी डर या
मजबूरी से नहीं. उनके मन में भरपूरता का एहसास होता है. ये हमेशा दाता होते हैं.
इनमे स्वार्थ की कमी होती है. देकर भी ये सोचते हैं कि कुछ नहीं दिया.
उदार व्यक्तियों को
त्याग करने में अधिक तकलीफ नहीं होती. उनकी अधिक संग्रह की प्रवृत्ति नहीं होती.
ये कंजूस नहीं होते. अपने नौकरों आदि को उचित वेतन देते हैं. दण्ड आदि माफ़ कर देने की वृत्ति होती है. परोपकार
की भावना इन्हें उदार बनाती है.
ये अत्यधिक हिसाब - किताब
नहीं रखते. जिसने मेरे लिए जितना किया मैं भी उसके लिए उतना ही करू ऐसा नहीं
सोचते. थोड़े समय की आर्थिक मदद पर ब्याज नहीं लेते. ये हर पुरानी चीज़ को बेचने के
बारे में नहीं सोचते यूँ ही भी दे देते हैं.
ये दूसरों के धन के बदले
प्रचुर सामान देते हैं व ग्राहक को संतुष्ट करते हैं.
ये अच्छे कामों में धन
सहयोग मांगे जाने पर हिचकने की बजाए बिना देरी किये सहयोग करते हैं.
उदारता देवताओं का गुण
है अतः उदारता मनुष्य को देवता समान बनाती है.
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