अर्थ- ईमानदारी या अस्तेय का अर्थ है कोई भी वो वस्तु अपने पास न रख लेना या अपनी न बना लेना जो हमारी नहीं है या जिस पर हमारा हक नहीं है. ईमानदारी के ही पहलू हैं सत्यता, लोभ रहितता व निष्ठा.
लक्षण
धोखा न देना. हेरा फेरी
न करना. चोरी न करना. झूठ न बोलना. स्वयं से, औरों से व ईश्वर से ईमानदार.कोई न भी देख रहा हो तो भी ईमानदार.
आसानी से दिखने वाले लक्षण :
आसानी से दिखने वाले लक्षण :
- खाली बैठ कर तनख्वाह न लेना.
- दो नम्बर का धन न कमाना.
- किसी और की सम्पत्ति न हड़पना.
- अपने मकान की चारदीवारी बढाकर सरकारी जमीन न घेरना.
- सम्पत्ति बंटवारे के समय दूसरे का हक न मारना.
- झूठे बिल न बनाना.
- बिना आमंत्रण किसी अनजान की शादी या पार्टी में घुस कर खाना न खाना.
- सरकारी गाड़ी व नौकरों का गैर क़ानूनी घरेलू इस्तमाल न करना.
- रास्ते में पड़ी धनराशि घर न ले आकर दानपात्र में डाल देना.
- कोई व्यापारी गलती से अधिक सामान या रूपए दे दे तो उसे वापस कर देना .
फायदा
आत्मा में बल भरता है. स्वयम
का सम्मान कर पाते हैं. औरों द्वारा सम्मानीय बनते हैं. भरोसेमंद
बनते हैं. मन की शांति बनी रहती है. किसी को दुःख देने के निमित नहीं बनते. विकर्मों
का खाता नहीं बढ़ता. अपनी सन्तान ईमानदार बनती है.
No comments:
Post a Comment