Wednesday 27 May 2015

आत्मविश्वास / Confidence


आत्मविश्वास का अर्थ है अपनी क्षमताओं पर भरोसा करना, स्वयं को पसंद करना, स्वयम का सम्मान करना, स्वयम को एक अच्छे जीवन के लायक समझना और जीवन के प्रति एक सकारात्मक रवैया रखना.

आत्मविश्वास बढ़ाने के कुछ उपाय

अपने भीतर उठते नकारात्मक विचारों को पहचानना और उन्हें सकारात्मक की तरफ मोड़ना. इसके लिए ज़रूरी है मेडिटेशन की कोई विधि सीखना. ईश्वर पर भरोसा करना, उससे बातें करना व शक्ति लेना. ईश्वर ने जो जो दिया उसके लिए लगातार धन्यवादी रहना.
सकारात्मक व प्रेरणादायी साहित्य पढना. सकारात्मक लोगों के सम्पर्क में रहना व उनसे बातें करना.
सकारात्मकता व ख़ुशी के गीत संगीत को सुनना.
जीवन जीने व कार्यों को ठीक से करने के लिए ज़रूरी ज्ञान अर्जित करना. ज्ञान हमें शक्ति देता है, आत्मनिर्भर बनाता है.
अपने गुणों, कलाओं व कुशलताओं को पहचानना व उन्हें विकसित करना. जो कार्य आप औरों से बेहतर करते हैं उसमे महारत हासिल करना व इस विधि से विशेष बनना. विशेषता सम्मान दिलाती है जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है. याद रहे कोई भी व्यक्ति गुणों से रिक्त नहीं होता.
लोग क्या कहेंगे की बहुत अधिक चिंता न करना.
हर समय सिर्फ निंदा करते रहने वाले लोगों से दूर रहना या उनकी बात को अनसुना करने की क्षमता विकसित करना.
किसी समस्या के आने पर अधिक से अधिक नुकसान क्या होगा वह हिसाब लगाकर उसके लिए अपने आपको तैयार कर लेना. नुकसान उठाने की क्षमता आत्मविश्वास लाती है.
लोगों से अपनी तुलना न करना. ईश्वर ने हर किसी को विशिष्ट बनाया है. सब में सब कुछ एक जैसा होना असंभव है.
अपनी गलतियों को जानना, उन्हें सुधारना और साथ साथ स्वयम को माफ़ भी करना. अपराधबोध से आत्मविश्वास गिरता है. जीवन के बुरे अध्यायों को बंद करते हुए ही चलना होगा.
हर काम को अतिनिपुणता से करना संभव नहीं होता. शक्ति और समय की सीमाएं हमेशा रहती हैं. जितना वश में हो उतना करके संतुष्ट हो जाने से स्वयम की निंदा से बचेंगे.

अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना. स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का वास हो सकता है.

No comments:

Post a Comment